नई दिल्ली। गुजरात में वापी के 13 साल के ग्रंथ ठक्कर ने वर्ल्ड मेंटल अरिथमैटिक चैंपियन बन कर भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। ग्रंथ ने जर्मनी के ड्रेसडेन सिटी में छठे वर्ल्ड चैंपियनशिप इन मेंटल अरिथमेटिक पर कब्जा कर सबको चौंका दिया है।
ग्रंथ की प्रतिभा को देख इस प्रतियोगिता के जजों ने भी हैरानी जताई। जजों ने कहा कि ग्रंथ ने बिना कोई गलती किए बेहद कम वक्त में मैथेमैटिकल प्रॉब्लम को हल कर सबको हैरान कर दिया है।
18 देशों के 40 लोग इस प्रतियोगिता में शामिल हुए थे। इन्हें कैलकुलेटर भी इस्तेमाल नहीं करना था। यहां तक कि पेपर और पेंसिल भी सीमित थे। यह विश्वस्तरीय प्रतियोगिता हर दो साल में आयोजित होती है। चौंकाने वाली बात यह है कि ग्रंथ ठक्कर गणित में अपना करियर नहीं बनाना चाहते हैं। वो अंतरिक्ष विज्ञानी बनना चाहते हैं।
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