With thanks from : bhadas4media.com : Written by B4M
Psychographic Society Expresses its best wishes to Sri Harivansh, Chief Editory Prabhat Khabar for his new innings as MP in Rajya Sabha. We Were pleased and honored to have him as his Chief guest in our Principals conference organized in Capitol Hill on 19th January,2014.We wish him all the best hope as MP he will serve Ranchi, Jharkhand and country in a new way.We have taken this profile from bhadas4media.com so that young generation can take inspiration from him.
बिहार से राज्यसभा चुनाव के लिए जनता दल (यू) की तरफ से आज जाने-माने पत्रकार हरिवंश ने नामांकन पत्र दाखिल किया. आज नामांकन करने का आखिरी दिन था. बिहार विधान सभा के सचिव कार्यालय कक्ष में वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश ने नामजदगी का पर्चा दाखिल किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह समेत नीतीश मंत्रिमंडल के कई सदस्य और विधायक मौजूद थे.
आज जदयू की तरफ से हरिवंश के अलावा रामनाथ ठाकुर, कहकशां परवीन ने भी पर्चा दाखिल किया. रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं तथा राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं. कहकशां परवीन बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं.
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वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश देश के जाने-माने जर्नलिस्ट हैं. बिहार और झारखंड के लीडिंग हिंदी दैनिक प्रभात खबर के प्रधान संपादक हैं. उनके नेतृत्व में प्रभात खबर ने अपने इलाके में नंबर वन अखबार का स्थान हासिल किया. इसकी वजह प्रभात खबर के कंटेंट को जनपक्षधर, सरोकारी और तेवरदार बनाए रखना है. हरिवंश सिताबदियारा (जयप्रकाश जी के गांव) के रहनेवाले हैं. 30 जून, 1956 को जन्मे हरिवंश के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में नाम, हरिबंश नारायण सिंह है. क्योंकि प्राइमरी स्कूल के आरंभिक कागजातों में अभिभावकों ने यही दर्ज कराया था. पर 1974 के जयप्रकाश आंदोलन के प्रभाव में इन्होंने जनेऊ भी छोड़ा और अपना नाम सिर्फ हरिवंश लिखना शुरू किया.
गांधी, जेपी, लोहिया और सर्वोदय की विचारधारा से प्रभावित छात्र राजनीति में भी वह सक्रिय रहे. शायद इसी कारण उनके संपादन में निकलने वाले अखबार प्रभात खबर में बिहार जद (यू) द्वारा उन्हें राज्यसभा प्रत्याशी बनाने पर उनकी तस्वीर छपी. हरिवंश ने बनारस से पढ़ाई की. अर्थशास्त्र में एमए (बीएचयू) किया. मार्च, 1976-1977 के बीच उन्होंने बीएचयू से ही पत्रकारिता में डिप्लोमा डिग्री ली. फरवरी, 1977 में वह टाइम्स आफ इंडिया समूह में प्रशिक्षु पत्रकार (हिंदी) चुने गये. प्रशिक्षण के बाद धर्मयुग (मुंबई) में डा. धर्मवीर भारती के साथ उप संपादक के रूप में काम किया. मुंबई से मन उचटने के कारण कुछ वर्षो बाद, 1981 में बैंक आफ इंडिया में अधिकारी के रूप में वह गये. इसी दौर में उन्हें रिजर्व बैंक में भी अधिकारी की नौकरी मिली. पर बैंक की नौकरी छोड़ कर वह पुन: पत्रकारिता में लौट आये.
कोलकाता रविवार में सहायक संपादक के रूप में. पांच वर्षो से अधिक समय तक काम करने के बाद उन्हें लगा कि महानगरों की पत्रकारिता से हट कर ग्रासरूट की पत्रकारिता का अनुभव होना चाहिए. अक्तूबर, 1989 में वह नितांत अपरिचित जगह रांची, प्रभात खबर आये. तब प्रभात खबर की प्रसार संख्या लगभग चार सौ प्रतियां प्रतिदिन थी और यह सिर्फ रांची से छपता था. आज प्रभात खबर, झारखंड, बिहार और बंगाल समेत कुल दस जगहों से प्रकाशित होता है. वर्तमान में इसकी पाठक संख्या इंडियन रीडरशीप सर्वे के अनुसार रोजाना 89.26 लाख है. हर दिन आठ लाख से अधिक प्रतियां छपती हैं. एक जगह, रांची से शुरू होकर यह अखबार अब तीन राज्यों (बिहार, झारखंड और बंगाल) के दस जगहों (रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, कोलकाता एवं सिलीगुड़ी) से छप रहा है. प्रभात खबर को यहां तक लाने वाली जो अग्रणी टीम रही है, उसमें हरिवंश भी रहे हैं. जब श्री चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने, तो उस समय हरिवंश प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव (एडिशनल इनफारमेशन एडवाइजर) के रूप में गये. फिर प्रभात खबर में ही लौटे. हरिवंश को कई मशहूर पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं. लगभग बीस महत्वपूर्ण सरकारी और गैर सरकारी समितियों के सदस्य या बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में वह रहे हैं.
हरिवंश ने मार्च, 1977 में टाइम्स आफ इंडिया समूह (मुंबई) में काम शुरू किया. फिर कुछेक वर्ष बाद बैंक आफ इंडिया में काम किया. फिर आनंद बाजार पत्रिका समूह (कोलकाता) में रहे. इसके बाद प्रभात खबर , रांची आये. चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री बनने पर वह प्रधानमंत्री कार्यालय (दिल्ली) गये. फिर प्रभात खबर में ही लौटे. इस तरह वह मार्च, 1977 से 2014 के आरंभ तक यानी लगभग 37 वर्षो तक नौकरी में रहे. कई संस्थानों में. कई जगहों पर. यूपी से पढ़ाई. मुंबई (महाराष्ट्र) में नौकरी. फिर हैदराबाद (आंध्र) में. पुन: बिहार में. फिर कोलकाता (बंगाल) में. पत्रकारिता में. फिर 1990 से रांची. पुन: दिल्ली. फिर रांची वापसी. प्रभात खबर में वह लगभग 65 लाख के सालाना पैकेज (तनख्वाह व अन्य सुविधाएं) पर हैं. इस बीच कुछेक बड़े समूहों से उन्हें महत्वपूर्ण पद और इससे बड़े पैकेज के प्रस्ताव मिले, पर वह प्रभात खबर में ही बने रहे.
हरिवंश खेतिहर परिवार से हैं. पुश्तैनी गांव में लगभग साढ़े सोलह एकड़ खेत है. दो राज्यों (उत्तर प्रदेश और बिहार) के दो जिलों \[बलिया (उत्तर प्रदेश), सारण (बिहार)] स्थित इस पैतृक संपत्ति का आज बाजार मूल्य लगभग 1.9 करोड़ है. रांची में वह तीन कमरों के फ्लैट में रहते हैं. यह उनका निजी फ्लैट है. रांची में ही उनकी पत्नी के नाम से एक छोटा (लगभग 750 वर्ग फुट) आफिस स्पेश है. वर्षो पहले रांची से सटे इलाके में खरीदी गयी लगभग 25 डिसमिल जमीन है. पत्नी के नाम से ही रांची के ग्रामीण इलाके में 117 डिसमिल खेतिहर जमीन है. सामाजिक काम के उद्देश्य से गांव (सिताबदियारा) में लगभग 39 कट्ठा जमीन खरीदी है. हरिवंश के नाम से तकरीबन 37 लाख के फिक्स डिपाजिट (एफडी) और रेकरिंग डिपाजिट (आरडी) में जमा धन है. शेयर बाजार व म्यूचूअल फंड में लगभग साढ़े पंद्रह लाख का निवेश है. पोस्ट आफिस के पीपीएफ स्कीम में 14 लाख 21 हजार जमा हैं. लगभग 26 लाख रुपये निजी फर्मो में निवेश हैं. पत्नी के पास लगभग दस लाख के फिक्स डिपाजिट हैं तथा तीन लाख साठ हजार के शेयर और म्यूचूअल फंड में निवेश हैं. पत्नी के नाम से ही 13 लाख 11 हजार पोस्ट आफिस में जमा है. पत्नी के पास 26.30 लाख के सोने-चांदी के सिक्के व अन्य गहने (स्त्री धन) हैं. दोनों (पति और पत्नी) को मिलाकर चार जीवन पालिसी हैं. बैंक व नगद राशि मिलाकर हरिवंश के पास कुल छह लाख हैं और इसी के तहत पत्नी के पास एक लाख तीस हजार है. दशकों पहले गाजियाबाद (यूपी) में पत्रकारों द्वारा बने जनसत्ता कापरेटिव सोसाइटी में लिया गया एक फ्लैट भी है. इस तरह हरिवंश व उनकी पत्नी के पास कुल संपत्ति, आज के बाजार मूल्य पर 4.75 करोड़ का है. हरिवंश और उनकी पत्नी पर कुल कर्ज है, 43.71 लाख. हरिवंश की दो संतानें हैं. वर्षो से दोनों नौकरी में हैं. और आत्मनिर्भर हैं. हरिवंश की नौकरी पेशा, शादीशुदा बेटी ने पटना (बिहार) में एक छोटा फ्लैट (1360 वर्ग फुट) ले रखा है.
हरिवंश पर एक भी निजी मुकदमा या विवाद नहीं है. अखबार की खबरों पर मानहानि या मनी सूट या दीवानी से जुड़े जो मामले होते हैं, वे नियमत: केस रजिस्ट्रेशन एक्ट व भारतीय दंड संहिता के तहत अखबार के संपादक, उसके प्रकाशक और खबर लिखनेवालों पर होते हैं. ऐसे ही तीन मुकदमों पर उनके खिलाफ भी संज्ञान हैं, जिनके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में क्वैशिंग (निरस्त) याचिका दायर है. अन्य मामले मनी सूट, दीवानी वगैरह से संबंधित है. झारखंड के एक बड़े राजनेता, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले चल रहे हैं, उन्होंने हरिजन उत्पीड़न के तहत दो लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है, जिनमें से एक बड़े दल के प्रमुख नेता और दूसरे हरिवंश हैं.
उनके संपादन व अपने लेखों के संकलन को मिलाकर लगभग बारह पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं. धर्मयुग, रविवार, प्रभात खबर समेत अनेक महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में, पिछले 37 वर्षो से लगातार वह राजनीति, अर्थनीति, समाजनीति, यात्र वृत्तांत से लेकर धर्म, अध्यात्म व अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर लिखते रहे हैं. कई महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी व अंग्रेजी में उन पर कई लेख भी प्रकाशित हुए हैं. हिंदी व अंग्रेजी के जानेमाने लोगों के संपादन में निकली कई महत्वपूर्ण पुस्तकों में भी उनके लेख छपे हैं. बिहार और झारखंड पर भी कई पुस्तकों का संपादन किया है.
विभिन्न निमंत्रणों के तहत वह अमेरिका, रूस, चीन, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, जापान समेत दुनिया के लगभग दो दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण देशों की यात्रएं कर चुके हैं. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ भी उन्होंने कई देशों की यात्रएं की हैं. कैलास मानसरोवर भी वह हो आये हैं. अपने रोचक यात्र अनुभव भी लिखे
Psychographic Society Expresses its best wishes to Sri Harivansh, Chief Editory Prabhat Khabar for his new innings as MP in Rajya Sabha. We Were pleased and honored to have him as his Chief guest in our Principals conference organized in Capitol Hill on 19th January,2014.We wish him all the best hope as MP he will serve Ranchi, Jharkhand and country in a new way.We have taken this profile from bhadas4media.com so that young generation can take inspiration from him.
बिहार से राज्यसभा चुनाव के लिए जनता दल (यू) की तरफ से आज जाने-माने पत्रकार हरिवंश ने नामांकन पत्र दाखिल किया. आज नामांकन करने का आखिरी दिन था. बिहार विधान सभा के सचिव कार्यालय कक्ष में वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश ने नामजदगी का पर्चा दाखिल किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह समेत नीतीश मंत्रिमंडल के कई सदस्य और विधायक मौजूद थे.
आज जदयू की तरफ से हरिवंश के अलावा रामनाथ ठाकुर, कहकशां परवीन ने भी पर्चा दाखिल किया. रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं तथा राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं. कहकशां परवीन बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं.
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वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश देश के जाने-माने जर्नलिस्ट हैं. बिहार और झारखंड के लीडिंग हिंदी दैनिक प्रभात खबर के प्रधान संपादक हैं. उनके नेतृत्व में प्रभात खबर ने अपने इलाके में नंबर वन अखबार का स्थान हासिल किया. इसकी वजह प्रभात खबर के कंटेंट को जनपक्षधर, सरोकारी और तेवरदार बनाए रखना है. हरिवंश सिताबदियारा (जयप्रकाश जी के गांव) के रहनेवाले हैं. 30 जून, 1956 को जन्मे हरिवंश के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में नाम, हरिबंश नारायण सिंह है. क्योंकि प्राइमरी स्कूल के आरंभिक कागजातों में अभिभावकों ने यही दर्ज कराया था. पर 1974 के जयप्रकाश आंदोलन के प्रभाव में इन्होंने जनेऊ भी छोड़ा और अपना नाम सिर्फ हरिवंश लिखना शुरू किया.
गांधी, जेपी, लोहिया और सर्वोदय की विचारधारा से प्रभावित छात्र राजनीति में भी वह सक्रिय रहे. शायद इसी कारण उनके संपादन में निकलने वाले अखबार प्रभात खबर में बिहार जद (यू) द्वारा उन्हें राज्यसभा प्रत्याशी बनाने पर उनकी तस्वीर छपी. हरिवंश ने बनारस से पढ़ाई की. अर्थशास्त्र में एमए (बीएचयू) किया. मार्च, 1976-1977 के बीच उन्होंने बीएचयू से ही पत्रकारिता में डिप्लोमा डिग्री ली. फरवरी, 1977 में वह टाइम्स आफ इंडिया समूह में प्रशिक्षु पत्रकार (हिंदी) चुने गये. प्रशिक्षण के बाद धर्मयुग (मुंबई) में डा. धर्मवीर भारती के साथ उप संपादक के रूप में काम किया. मुंबई से मन उचटने के कारण कुछ वर्षो बाद, 1981 में बैंक आफ इंडिया में अधिकारी के रूप में वह गये. इसी दौर में उन्हें रिजर्व बैंक में भी अधिकारी की नौकरी मिली. पर बैंक की नौकरी छोड़ कर वह पुन: पत्रकारिता में लौट आये.
कोलकाता रविवार में सहायक संपादक के रूप में. पांच वर्षो से अधिक समय तक काम करने के बाद उन्हें लगा कि महानगरों की पत्रकारिता से हट कर ग्रासरूट की पत्रकारिता का अनुभव होना चाहिए. अक्तूबर, 1989 में वह नितांत अपरिचित जगह रांची, प्रभात खबर आये. तब प्रभात खबर की प्रसार संख्या लगभग चार सौ प्रतियां प्रतिदिन थी और यह सिर्फ रांची से छपता था. आज प्रभात खबर, झारखंड, बिहार और बंगाल समेत कुल दस जगहों से प्रकाशित होता है. वर्तमान में इसकी पाठक संख्या इंडियन रीडरशीप सर्वे के अनुसार रोजाना 89.26 लाख है. हर दिन आठ लाख से अधिक प्रतियां छपती हैं. एक जगह, रांची से शुरू होकर यह अखबार अब तीन राज्यों (बिहार, झारखंड और बंगाल) के दस जगहों (रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, कोलकाता एवं सिलीगुड़ी) से छप रहा है. प्रभात खबर को यहां तक लाने वाली जो अग्रणी टीम रही है, उसमें हरिवंश भी रहे हैं. जब श्री चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने, तो उस समय हरिवंश प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव (एडिशनल इनफारमेशन एडवाइजर) के रूप में गये. फिर प्रभात खबर में ही लौटे. हरिवंश को कई मशहूर पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं. लगभग बीस महत्वपूर्ण सरकारी और गैर सरकारी समितियों के सदस्य या बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में वह रहे हैं.
हरिवंश ने मार्च, 1977 में टाइम्स आफ इंडिया समूह (मुंबई) में काम शुरू किया. फिर कुछेक वर्ष बाद बैंक आफ इंडिया में काम किया. फिर आनंद बाजार पत्रिका समूह (कोलकाता) में रहे. इसके बाद प्रभात खबर , रांची आये. चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री बनने पर वह प्रधानमंत्री कार्यालय (दिल्ली) गये. फिर प्रभात खबर में ही लौटे. इस तरह वह मार्च, 1977 से 2014 के आरंभ तक यानी लगभग 37 वर्षो तक नौकरी में रहे. कई संस्थानों में. कई जगहों पर. यूपी से पढ़ाई. मुंबई (महाराष्ट्र) में नौकरी. फिर हैदराबाद (आंध्र) में. पुन: बिहार में. फिर कोलकाता (बंगाल) में. पत्रकारिता में. फिर 1990 से रांची. पुन: दिल्ली. फिर रांची वापसी. प्रभात खबर में वह लगभग 65 लाख के सालाना पैकेज (तनख्वाह व अन्य सुविधाएं) पर हैं. इस बीच कुछेक बड़े समूहों से उन्हें महत्वपूर्ण पद और इससे बड़े पैकेज के प्रस्ताव मिले, पर वह प्रभात खबर में ही बने रहे.
हरिवंश खेतिहर परिवार से हैं. पुश्तैनी गांव में लगभग साढ़े सोलह एकड़ खेत है. दो राज्यों (उत्तर प्रदेश और बिहार) के दो जिलों \[बलिया (उत्तर प्रदेश), सारण (बिहार)] स्थित इस पैतृक संपत्ति का आज बाजार मूल्य लगभग 1.9 करोड़ है. रांची में वह तीन कमरों के फ्लैट में रहते हैं. यह उनका निजी फ्लैट है. रांची में ही उनकी पत्नी के नाम से एक छोटा (लगभग 750 वर्ग फुट) आफिस स्पेश है. वर्षो पहले रांची से सटे इलाके में खरीदी गयी लगभग 25 डिसमिल जमीन है. पत्नी के नाम से ही रांची के ग्रामीण इलाके में 117 डिसमिल खेतिहर जमीन है. सामाजिक काम के उद्देश्य से गांव (सिताबदियारा) में लगभग 39 कट्ठा जमीन खरीदी है. हरिवंश के नाम से तकरीबन 37 लाख के फिक्स डिपाजिट (एफडी) और रेकरिंग डिपाजिट (आरडी) में जमा धन है. शेयर बाजार व म्यूचूअल फंड में लगभग साढ़े पंद्रह लाख का निवेश है. पोस्ट आफिस के पीपीएफ स्कीम में 14 लाख 21 हजार जमा हैं. लगभग 26 लाख रुपये निजी फर्मो में निवेश हैं. पत्नी के पास लगभग दस लाख के फिक्स डिपाजिट हैं तथा तीन लाख साठ हजार के शेयर और म्यूचूअल फंड में निवेश हैं. पत्नी के नाम से ही 13 लाख 11 हजार पोस्ट आफिस में जमा है. पत्नी के पास 26.30 लाख के सोने-चांदी के सिक्के व अन्य गहने (स्त्री धन) हैं. दोनों (पति और पत्नी) को मिलाकर चार जीवन पालिसी हैं. बैंक व नगद राशि मिलाकर हरिवंश के पास कुल छह लाख हैं और इसी के तहत पत्नी के पास एक लाख तीस हजार है. दशकों पहले गाजियाबाद (यूपी) में पत्रकारों द्वारा बने जनसत्ता कापरेटिव सोसाइटी में लिया गया एक फ्लैट भी है. इस तरह हरिवंश व उनकी पत्नी के पास कुल संपत्ति, आज के बाजार मूल्य पर 4.75 करोड़ का है. हरिवंश और उनकी पत्नी पर कुल कर्ज है, 43.71 लाख. हरिवंश की दो संतानें हैं. वर्षो से दोनों नौकरी में हैं. और आत्मनिर्भर हैं. हरिवंश की नौकरी पेशा, शादीशुदा बेटी ने पटना (बिहार) में एक छोटा फ्लैट (1360 वर्ग फुट) ले रखा है.
हरिवंश पर एक भी निजी मुकदमा या विवाद नहीं है. अखबार की खबरों पर मानहानि या मनी सूट या दीवानी से जुड़े जो मामले होते हैं, वे नियमत: केस रजिस्ट्रेशन एक्ट व भारतीय दंड संहिता के तहत अखबार के संपादक, उसके प्रकाशक और खबर लिखनेवालों पर होते हैं. ऐसे ही तीन मुकदमों पर उनके खिलाफ भी संज्ञान हैं, जिनके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में क्वैशिंग (निरस्त) याचिका दायर है. अन्य मामले मनी सूट, दीवानी वगैरह से संबंधित है. झारखंड के एक बड़े राजनेता, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले चल रहे हैं, उन्होंने हरिजन उत्पीड़न के तहत दो लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है, जिनमें से एक बड़े दल के प्रमुख नेता और दूसरे हरिवंश हैं.
उनके संपादन व अपने लेखों के संकलन को मिलाकर लगभग बारह पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं. धर्मयुग, रविवार, प्रभात खबर समेत अनेक महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में, पिछले 37 वर्षो से लगातार वह राजनीति, अर्थनीति, समाजनीति, यात्र वृत्तांत से लेकर धर्म, अध्यात्म व अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर लिखते रहे हैं. कई महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी व अंग्रेजी में उन पर कई लेख भी प्रकाशित हुए हैं. हिंदी व अंग्रेजी के जानेमाने लोगों के संपादन में निकली कई महत्वपूर्ण पुस्तकों में भी उनके लेख छपे हैं. बिहार और झारखंड पर भी कई पुस्तकों का संपादन किया है.
विभिन्न निमंत्रणों के तहत वह अमेरिका, रूस, चीन, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, जापान समेत दुनिया के लगभग दो दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण देशों की यात्रएं कर चुके हैं. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ भी उन्होंने कई देशों की यात्रएं की हैं. कैलास मानसरोवर भी वह हो आये हैं. अपने रोचक यात्र अनुभव भी लिखे
Congratulations sir..
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