Thursday, February 26, 2015

Best Exam Stress Counselling Tips for Board for Students of Ranchi-Jharkhand by Vikas Kumar, Career Counsellor and Psychologist

Exam Stress Counselling for Students of Ranchi and Jharkhand by Vikas Kumar, Career Counsellor & Psychologist

Published in Hindustan
Date: 26th February


स्ट्रेस को अवसर में बदलें, नंबर बढ़ाएं 

बोर्ड एग्जाम  के विद्यार्थियों के लिए 

परीक्षा के पहले 
१.  परीक्षा की अंतिम रात देर तक नहीं सोयें 
२.  परीक्षा के दौरान संतुलित भोजन लें , बाहर के खाने को इग्नोर करें 
३.  अपने मित्रों की तैयारी से अपनी तैयारी की तुलना न करें 
४.  अनावस्यक वाद-विवाद से बचे 
५.  दूसरों के लिए अपना समय नष्ट न करें 
६.  रिवीजन के लिए अपनी स्ट्रेटेजी तय करें। ध्यान रहे रिवीजन   इस आधार पर करें  जिससे अधिकतम अंकों को आप पा सकें न की इस आधार पर की सबसे कठिन पर सबसे ज्यादा समय दे 

परीक्षा के दौरान 
१. समय से पहले पहुंचें 
२. घबराहट होने पर गहरी श्वांस लें 
३. कई बार जाने हुए प्रश्न लगता है की भूल गया हूँ पर मेमोरी ट्रेसेस कभी मिटते नहीं हैं. ऐसा विश्वास रखें। थोड़े देर में unconsious mind तुरंत रिकॉल में मदद करता है 
४. कभी कभी ऐसे ख्याल आते हैं की मेरी पूरी तैयारी बेकार चली गयी उतना नंबर नहीं आएगा जितना मेह्नत किया। ।उस समय तुरंत अपने मन को यह विश्वास दिलायें की हो सकता है ऐसा न हो , और अंतिम परिणाम अपने मन के अनुकूल हो 
५. कई बार यह भावना भी मन में आती है की और पढ़ते तो और ज्यादा नंबर आता , इस सोच में भी कुछ समय नष्ट होता है और मन उदिग्न होता है। तुरंत अपने को प्रश्नपत्र पर अपने मन को केंद्रित करें 

परीक्षा के बाद 
१. परीक्षा के तुरंत बाद अगर बहुत कॉंफिडेंट नहीं हैं तो अपने मित्रों से ज्यादा डिसकस न करें 
२. अगली परीक्षा पर सीधे मन को केंद्रित करें 
३. एक परीक्षा ख़राब भी जाती है फिर भी अगली परीक्षा अच्छी जा सकती है ऐसा विश्वास रखें और तैयारी में लग जायें 
४. अपने परीक्षा के परफॉरमेंस के सही रिपोर्ट अपने माता पिता को  दें 
५. विभिन्न प्रकार के सुझाओं से बचें और ऐसी किसी चर्चा में शामिल न हों जिससे आत्मविश्वास काम होता हो 

अभिवावकों के लिए 

१. परीक्षा के समय किसी भी प्रकार की टोका टोकी को बंद करें 
२. बच्चों से खुल कर बात करें 
३. बच्चे को आश्वश्त करें की आप उसकी तैयारी से सहज हैं और परिणाम जैसा भी हो , वे उसे स्वीकार करते हैं 
४. अपनी किसी  मित्र का सहयोग अपनी बात समझने के लिए न लें 
५. बच्चे के  भोजन का ध्यान रखें 
६.  परीक्षा के तुरंत बाद पूरी रिपोर्ट ले और उन्हें सहज करें 

विकास कुमार 
करियर काउंसलर एवं साइकोलोजिस्ट 
साइकोग्राफिक सोसाइटी 

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